व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।~ महात्मा गाँधी
मेरा जीवन मेरा सन्देश है।~ महात्मा गाँधी
एक कायर प्यार का प्रदर्शन करने में असमर्थ होता है, प्रेम बहादुरों का विशेषाधिकार है। ~ महात्मा गाँधी
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।~ महात्मा गाँधी
कर्म प्राथमिकताओं को व्यक्त करता है।~ महात्मा गाँधी
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।~ महात्मा गाँधी
कर्म प्राथमिकताओं को व्यक्त करता है।~ महात्मा गाँधी
किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है।~ महात्मा गाँधी
सत्य कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचाता जो उचित हो। ~ महात्मा गाँधी
आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते। ~ महात्मा गाँधी
स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना। ~ महात्मा गाँधी
ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो। ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो। ~ महात्मा गाँधी
एक राष्ट्र की संस्कृति उसमे रहने वाले लोगों के दिलों में और आत्मा में रहती है। ~ महात्मा गाँधी
जब मैं निराश होता हूँ, मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है। इसके बारे में सोचो- हमेशा। ~ महात्मा गाँधी
जहाँ प्रेम है वहां जीवन है। ~ महात्मा गाँधी
अपने प्रयोजन में दृढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है। ~ महात्मा गाँधी
सत्य बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है, वह आत्मनिर्भर है। ~ महात्मा गाँधी
एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहां जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है। ~ महात्मा गाँधी
विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है। ~ महात्मा गाँधी
मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों के। ~ महात्मा गाँधी
हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें. हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा। ~ महात्मा गाँधीमैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ। ~ महात्मा गाँधी
अपने प्रयोजन में द्रढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है। ~ महात्मा गाँधी
आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी। ~ महात्मा गाँधी
शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है। ~ महात्मा गाँधी
चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि- मैं दुनिया में किसी से डरूंगा। नहीं.-मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा भाव ना रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतुं। और असत्य का विरोध करते हुए, मैं सभी कष्टों को सह सकूँ। ~ महात्मा गाँधी
चिंता से अधिक कुछ और शरीर को इतना बर्बाद नहीं करता, और वह जिसे ईश्वर में थोडा भी यकीन है उसे किसी भी चीज के बारे में चिंता करने पर शर्मिंदा होना चाहिए। ~ महात्मा गाँधी
थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है। ~ महात्मा गाँधी
गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में। ~ महात्मा गाँधी
खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं। ~ महात्मा गाँधी
जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है। वह सबके भीतर है। ~ महात्मा गाँधी
विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए. जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता है। ~ महात्मा गाँधी
यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है। ~ महात्मा गाँधी
एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।~ महात्मा गाँधी
पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।~ महात्मा गाँधी
हंसी मन की गांठें बड़ी आसानी से खोल देती है।~ महात्मा गाँधी
कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।~ महात्मा गाँधी
आदमी अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं फ़लां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं। इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूँगा, भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो।~ महात्मा गाँधी
आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।~ महात्मा गाँधी
तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा, लेकिन यह ज़रूरी है कि तुम वो करो।~ महात्मा गाँधी
अक्लमंद काम करने से पहले सोचता है और मूर्ख काम करने के बाद।~ महात्मा गाँधी
दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में।~ महात्मा गाँधी
पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे।~ महात्मा गाँधी
सात घनघोर पाप: काम के बिना धन;अंतरात्मा के बिना सुख;मानवता के बिना विज्ञान;चरित्र के बिना ज्ञान;सिद्धांत के बिना राजनीति;नैतिकता के बिना व्यापार ;त्याग के बिना पूजा।~ महात्मा गाँधी
निरंतर विकास जीवन का नियम है, और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्थिति में पंहुचा देता है।~ महात्मा गाँधी
भगवान का कोई धर्म नहीं है।~ महात्मा गाँधी
प्रार्थना माँगना नहीं है। यह आत्मा की लालसा है। यह हर रोज अपनी कमजोरियों की स्वीकारोक्ति है। प्रार्थना में बिना वचनों के मन लगाना, वचन होते हुए मन ना लगाने से बेहतर है।~ महात्मा गाँधी
मैं किसी को भी गंदे पाँव के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा।~ महात्मा गाँधी
मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता।~ महात्मा गाँधी
हर रात, जब मैं सोने जाता हूँ, मैं मर जाता हूँ। और अगली सुबह, जब मैं उठता हूँ, मेरा पुनर्जन्म होता है।~ महात्मा गाँधी
जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। ~ महात्मा गाँधी
अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है।~ महात्मा गाँधी
हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।~ महात्मा गाँधी
आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते।~ महात्मा गाँधी
मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है तब वो अच्छाई अस्थायी होती है; और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है।~ महात्मा गाँधी
ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों। ~ महात्मा गाँधी
पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है। किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।~ महात्मा गाँधी
मौन सबसे शाशाक्त भाषण है. धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी। ~ महात्मा गाँधी
आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी।~ महात्मा गाँधी
पूर्ण धारणा के साथ बोला गया ” नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।~ महात्मा गाँधी
क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।~ महात्मा गाँधी
विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है। ~ महात्मा गाँधी
कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा।~ महात्मा गाँधी
कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा। ~ महात्मा गाँधी
जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाएं हुए धन के बराबर है।~ महात्मा गाँधी
क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं। ~ महात्मा गाँधी
केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दुसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बुँदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।~ महात्मा गाँधी
पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी। ~ महात्मा गाँधी
विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।~ महात्मा गाँधी
अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है। ~ महात्मा गाँधी
विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए. जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता है।~ महात्मा गाँधी
निरंतर विकास जीवन का नियम है , और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत इस्थिति में पंहुचा देता है। ~ महात्मा गाँधी
सत्य एक विशाल वृक्ष है, उसकी ज्यों-ज्यों सेवा की जाती है, त्यों-त्यों उसमे अनेक फल आते हुए नजर आते है, उनका अंत ही नहीं होता।~ महात्मा गाँधी
यद्यपि आप अल्पमत में हों , पर सच तो सच है।~ महात्मा गाँधी
पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे।~ महात्मा गाँधी
जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है. वह सबके भीतर है।~ महात्मा गाँधी
गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में। ~ महात्मा गाँधी
ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों।~ महात्मा गाँधी
मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ।~ महात्मा गाँधी
मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।~ महात्मा गाँधी
व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं अपितु उसके चरित्र से आंकी जाती है।~ महात्मा गाँधी
मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों की।~ महात्मा गाँधी
मैं तुम्हे शांति का प्रस्ताव देता हूँ. मैं तुम्हे प्रेम का प्रस्ताव देता हूँ. मैं तुम्हारी सुन्दरता देखता हूँ.मैं तुम्हारी आवश्यकता सुनता हूँ.मैं तुम्हारी भावना महसूस करता हूँ।~ महात्मा गाँधी
हम जो दुनिया के जंगलों के साथ कर रहे हैं वो कुछ और नहीं बस उस चीज का प्रतिबिम्ब है जो हम अपने साथ और एक दूसरे के साथ कर रहे हैं।~ महात्मा गाँधी
सत्य एक है, मार्ग कई।~ महात्मा गाँधी
कुछ करने में, या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं।~ महात्मा गाँधी
हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।~ महात्मा गाँधी
जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी, दुनिया में अमन आ जायेगा।~ महात्मा गाँधी
क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।~ महात्मा गाँधी
गरीबी दैवी अभिशाप नहीं बल्कि मानवरचित षडयन्त्र है ।~ महात्मा गाँधी
थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।~ महात्मा गाँधी
जो लोग अपनी प्रशंसा के भूखे होते हैं, वे साबित करते हैं कि उनमें योग्यता नहीं है।~ महात्मा गाँधी
पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अन्तःकरण को उज्ज्वल करती हैं।~ महात्मा गाँधी
चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का ध्येय होनी चाहिए।~ महात्मा गाँधी
कायरता से कहीं ज्यादा अच्छा है, लड़ते-लड़ते मर जाना।~ महात्मा गाँधी
अहिंसा ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है।~ महात्मा गाँधी
आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं,आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं,आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं,आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं,आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है।~ महात्मा गाँधी
कोई भी संस्कृति जीवित नहीं रह सकती यदि वह अपने को हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते।~ महात्मा गाँधी
प्रेम की शक्ति दण्ड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।~ महात्मा गाँधी
सुख बाहर से मिलने की चीज नहीं, मगर अहंकार छोड़े बगैर इसकी प्राप्ति भी होने वाली नहीं।
अन्य से पृथक रखने का प्रयास करे।~ महात्मा गाँधी
अन्य से पृथक रखने का प्रयास करे।~ महात्मा गाँधी
किसी राष्ट्र की संस्कृति उसके लोगों के दिलों और आत्माओं में बसती है।~ महात्मा गाँधी
किसी भी देश की संस्कृति उसके लोगों के ह्रदय और आत्मा में बसती है।~ महात्मा गाँधी
जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता | दुःख के बिना सुख नहीं होता।~ महात्मा गाँधी
यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है।~ महात्मा गाँधी
अपने ज्ञान के प्रति ज़रुरत से अधिक यकीन करना मूर्खता है। यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है।~ महात्मा गाँधी
जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो, उसे प्रेम से जीतें।~ महात्मा गाँधी
कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।~ महात्मा गाँधी
वास्तविक सोन्दर्य ह्रदय की पवित्रता में है।~ महात्मा गाँधी
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।~ महात्मा गाँधी
अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना।~ महात्मा गाँधी
काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।~ महात्मा गाँधी
समाज में से धर्म को निकाल फेंकने का प्रयत्न बांझ के पुत्र करने जितना ही निष्फल है और अगर कहीं सफल हो जाय तो समाज का उसमे नाश होता है।~ महात्मा गाँधी
शारीरिक उपवास के साथ-साथ मन का उपवास न हो तो वह दम्भपूर्ण और हानिकारक हो सकता है।~ महात्मा गाँधी
आप नम्र तरीके से दुनिया को हिला सकते है।~ महात्मा गाँधी
मै हिंदी के जरिये प्रांतीय भाषाओं को दबाना नहीं चाहता, किन्तु उनके साथ हिंदी को भी मिला देना चाहता हूं।~ महात्मा गाँधी
अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर मिटने वाले लड़ाके मिलेंगे तो वे करोड़ो की लाज रखेंगे और उनमे प्राण फूकेंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी यह मेरे लिए मधुर है।~ महात्मा गाँधी
विश्व इतिहास में आजादी के लिए लोकतान्त्रिक संघर्ष हमसे ज्यादा वास्तविक किसी का नहीं रहा है। मैने जिस लोकतंत्र की कल्पना की है, उसकी स्थापना अहिंसा से होगी। उसमे सभी को समान स्वतंत्रता मिलेगी। हर व्यक्ति खुद का मालिक होगा।~ महात्मा गाँधी
अपनी बुद्धिमता को लेकर बेहद निश्चित होना बुद्धिमानी नहीं है। यह याद रखना चाहिए की ताकतवर भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान से भी बुद्धिमान गलती कर सकता है।~ महात्मा गाँधी
भविष्य में क्या होगा, मै यह नहीं सोचना चाहता। मुझे वर्तमान की चिंता है। ईश्वर ने मुझे आने वाले क्षणों पर कोई नियंत्रण नहीं दिया है।~ महात्मा गाँधी
लम्बे-लम्बे भाषणों से कही अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना।~ महात्मा गाँधी
भूल करने में पाप तो है ही, परन्तु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।~ महात्मा गाँधी
प्रार्थना या भजन जीभ से नहीं ह्रदय से होता है। इसी से गूंगे, तोतले और मूढ भी प्रार्थना कर सकते है।~ महात्मा गाँधी
गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती है। वह तो केवल अपनी ख़ुशी बिखेरता है। उसकी खुशबु ही उसका संदेश है।~ महात्मा गाँधी
जीवन की गति बढाने के अलावा भी इसमें बहुत कुछ है।~ महात्मा गाँधी
जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।~ महात्मा गाँधी
पूर्ण धारणा के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।~ महात्मा गाँधी
श्रद्धा का अर्थ है आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का अर्थ है ईश्वर में विश्वास।~ महात्मा गाँधी
हम जिसकी पूजा करते है उसी के समान हो जाते है।~ महात्मा गाँधी
खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं।~ महात्मा गाँधी
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